अपने हथियार से वार कर आसमां को लाल सी चादर पहनाकर खुद शुकुन की निंद सोने चले गए। अपने हथियार से वार कर आसमां को लाल सी चादर पहनाकर खुद शुकुन की निंद सोने चले गए।
माँ खुशी के आँसू पोंछते हुए बोली "मेरी बहू करुणा को फोन लगाओ।" माँ खुशी के आँसू पोंछते हुए बोली "मेरी बहू करुणा को फोन लगाओ।"
तो उसने मुझसे पूछा -" क्या तुम मुझमें रुचि रखते हो? " तो उसने मुझसे पूछा -" क्या तुम मुझमें रुचि रखते हो? "
इश्क़ का समय गुजरता नहीं हैं , समा जाता हैं हमारे गुणसूत्रों में | इश्क़ का समय गुजरता नहीं हैं , समा जाता हैं हमारे गुणसूत्रों में |
मन में आज भी वह परिस्थिति कचोटती है अधूरे दर्शन की ,जब हमे अपनी मजबूरियों पर झुकना पड़ा मन में आज भी वह परिस्थिति कचोटती है अधूरे दर्शन की ,जब हमे अपनी मजबूरियों पर झुक...
इतनी देर से वही कोशिश कर रही थी...पर आपका इरादा ही कुछ और था इतनी देर से वही कोशिश कर रही थी...पर आपका इरादा ही कुछ और था